दिल्ली में नया मुख्यमंत्री कौन होगा? योगी आदित्यनाथ जैसे चेहरे की चर्चा, भाजपा की बैठक में मंथन जारी heydinu57@gmail.com, February 13, 2025February 13, 2025 दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद, भाजपा के सामने अब एक नई चुनौती है – मुख्यमंत्री का चयन और मंत्रिमंडल का गठन। चुनाव परिणामों के बाद से भाजपा में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों के नामों पर मंथन जारी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई एक बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ, और माना जा रहा है कि अब मुख्यमंत्री के नाम पर लगभग मोहर लग चुकी है, बस आधिकारिक घोषणा बाकी है। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह किसे दिल्ली की गद्दी सौंपेगी। भाजपा की अंदरूनी बैठकों में यह चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी केवल जीते हुए विधायकों को ही विचार में रखेगी। सांसदों को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार नहीं माना जा रहा है। अब तक, करीब 20-25 विधायक पार्टी अध्यक्ष से मिल चुके हैं, और 16 फरवरी को विधायक दल की बैठक में इस नाम का खुलासा होने की संभावना है। योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री? इस बीच, मुख्यमंत्री चेहरे पर चर्चा के दौरान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम भी उभरकर सामने आया है। दिल्ली की जनता की ओर से एक मजबूत और तेजतर्रार मुख्यमंत्री की डिमांड की जा रही है, और इस संदर्भ में योगी आदित्यनाथ का नाम चर्चा में है। भाजपा भी दिल्ली में योगी जैसे किसी नेता की तलाश में है, ताकि दिल्ली में भी विकास की गति तेज हो सके और आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए चुनौती पैदा की जा सके। योगी आदित्यनाथ की छवि एक सख्त और निर्णायक नेता के रूप में उभरी है। उनके बुलडोजर एक्शन और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के कारण उन्हें भाजपा के बड़े ब्रांड के रूप में देखा जाता है। इस समय दिल्ली में योगी आदित्यनाथ जैसे किसी नेता की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि राजधानी में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौती को कम किया जा सके। भारी चुनावी वादों को पूरा करना होगी चुनौती दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कई बड़े वादों के साथ जनता से समर्थन मांगा था। अब, इन वादों को पूरा करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। इनमें सबसे पहला वादा यमुना की सफाई और रिवर फ्रंट का निर्माण है। भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में जनता से वादा किया था कि केजरीवाल के अधूरे वादों को पूरा किया जाएगा। इस दिशा में पहल शुरू हो चुकी है, और इसके लिए विशेषज्ञों से चर्चा जारी है। यमुना रिवर फ्रंट का निर्माण: यमुना रिवर फ्रंट के निर्माण के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है, और इसे साबरमती रिवर फ्रंट के जैसा विकसित किया जाएगा। योजना के अनुसार, रिवर फ्रंट में वॉकवे, साइकल ट्रैक, एंफीथिएटर, रेस्तरां, बोटिंग जैसी सुविधाएं होंगी, और इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए बजट और इसके धरातल पर उतरने को लेकर कोई समस्या नहीं होने की संभावना है। दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के चेहरे पर मंथन जारी है, और भाजपा के पास यह एक बड़ी जिम्मेदारी है कि वह जनता के अपेक्षाओं के अनुसार एक मजबूत और विकास-oriented नेता का चयन करे। साथ ही, पार्टी को अपने चुनावी वादों को निभाने की चुनौती का सामना भी करना होगा, जिनमें यमुना की सफाई और रिवर फ्रंट निर्माण प्रमुख हैं। आने वाले दिनों में भाजपा की रणनीतियों और फैसलों का असर दिल्ली की राजनीति पर स्पष्ट रूप से दिखेगा। Letest News