क्या आपका फोन सच में आपकी बातें सुन रहा है? जानें कैसे साइबर अपराधी आपकी गोपनीयता को खतरे में डाल रहे हैं! heydinu57@gmail.com, February 11, 2025February 11, 2025 आजकल साइबर अपराध और धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और यह हम सभी के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। हालांकि सरकार इन अपराधों को रोकने के लिए कदम उठा रही है, लेकिन यदि हमें खुद को साइबर अपराधियों से बचाना है तो सबसे प्रभावी तरीका है जागरूकता। हमारी जागरूकता ही हमें इन खतरों से बचा सकती है। साइबर अपराधी रोज़ नए-नए तरीकों से धोखाधड़ी करते हैं। इन अपराधों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले तरीके हैं: फ़ोन कॉल्स, एसएमएस, ईमेल और एप्स के जरिए धोखाधड़ी। आजकल अधिकांश फ्रॉड हमें फिशिंग लिंक, फ्रॉड वेबसाइट्स, और धोखेबाज ऐप्स के माध्यम से होते हैं। ऐसे मामलों में, सबसे अधिक पूछा जाने वाला सवाल यह है कि क्या हमारा फोन सच में हमारी बातें सुनता है? क्या आपका फोन आपकी बातें सुनता है? यह सवाल शायद आपने कभी न कभी खुद से पूछा होगा। अगर आपने किसी खास चीज के बारे में अपने दोस्तों से बात की है, तो आपने देखा होगा कि उसी चीज़ से संबंधित विज्ञापन और ऑफर्स अचानक आपके ब्राउज़र या सोशल मीडिया पर दिखने लगते हैं। और यह सच है, आपका फोन आपकी बातें सुनता है, और इसके लिए आपने खुद ही अनुमति दी होती है। आपके फोन में कई एप्लिकेशन ऐसे होते हैं जो आपकी अनुमति से आपके माइक्रोफोन, कैमरा, लोकेशन, और अन्य डेटा का उपयोग करते हैं। ऐप्स का डेटा कलेक्शन जब आप कोई एप्लिकेशन डाउनलोड करते हैं, तो आपको लगता है कि यह एप फ्री है, लेकिन इसके बदले में यह आपकी पर्सनल जानकारी जैसे कि आपकी लोकेशन, फ़ोटो, वीडियो, संपर्क सूची, ब्राउज़िंग हिस्ट्री, और यहां तक कि आपके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी ले सकता है। यह एप्स आपकी सभी जानकारी को इकट्ठा करते हैं, जिससे वह आपका पूरा पैटर्न समझ लेते हैं और उसे विज्ञापनों के रूप में दिखाते हैं। क्या हमें एप्स की अनुमति पर ध्यान देना चाहिए? अगर आप अपनी गोपनीयता को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आपको एप्स की अनुमति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपको अपने फोन की सेटिंग्स में जाकर यह देखना चाहिए कि आपने किस-किस एप्लिकेशन को कौन-कौन सी अनुमति दी है। उदाहरण के लिए, क्या आपको एक टॉर्च ऐप को अपनी लोकेशन और कैमरा की अनुमति देने की आवश्यकता है? आपको ऐसे एप्स को तुरंत हटा देना चाहिए, जो आपके डेटा की अनावश्यक रूप से अधिक जानकारी एकत्र करते हैं। फेक एप्स और वेबसाइट्स आजकल बहुत से फेक एप्स और वेबसाइट्स हैं जो उपयोगकर्ताओं से धोखाधड़ी करने के लिए बनाए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, लोन एप्स और निवेश संबंधी एप्स, जो लुभावने ऑफर्स के जरिए लोगों को धोखा देते हैं। इन एप्स को डाउनलोड करते ही आपकी जानकारी बिना आपकी अनुमति के चोरी हो सकती है, और वह जानकारी गलत हाथों में जा सकती है। इसके अलावा, धोखेबाज वेबसाइट्स भी लोगों को अपनी जाल में फंसा लेते हैं। ये वेबसाइट्स अक्सर असली वेबसाइट्स के जैसे दिखती हैं और उपयोगकर्ताओं से उनकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए तैयार होती हैं। इन वेबसाइट्स पर लॉग इन करते वक्त उपयोगकर्ता का पासवर्ड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी चोरी हो सकती है। क्या करें? एप्स की अनुमति को चेक करें – हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप केवल उन एप्स को अनुमति दें जो वाकई जरूरी हों। रिव्यूज चेक करें – एप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यूज जरूर चेक करें। सुरक्षित ब्राउज़िंग – जब भी आप कोई वेबसाइट ब्राउज़ करें, तो उसका URL ठीक से चेक करें। सुनिश्चित करें कि वेबसाइट HTTPS से शुरू होती है और उसके पास सिक्योरिटी सर्टिफिकेट है। जागरूक रहें – जब भी कोई संदिग्ध लिंक या एसएमएस मिले, तो उस पर क्लिक करने से पहले दस बार सोचें। आजकल साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अगर हम अपनी सुरक्षा और गोपनीयता के प्रति जागरूक रहें, तो इन खतरों से बचा जा सकता है। हमेशा सतर्क रहें, और अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सही कदम उठाएं। Letest News Technology