साइबर सुरक्षा: कॉल उठाते ही खाली हो सकता है आपका खाता, सरकार ने जारी की चेतावनी heydinu57@gmail.com, February 11, 2025February 11, 2025 आजकल साइबर अपराध हमारे लिए एक गंभीर खतरे के रूप में उभरा है, खासकर डिजिटल युग में जहां ठगी और धोखाधड़ी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। यह समस्या केवल सामान्य नागरिकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि साइबर अपराधियों ने अब नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अपनी ठगी के दायरे को और बढ़ा दिया है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। जनवरी से जून 2023 तक राजधानी में साइबर ठगी की घटनाओं में 452 करोड़ रुपये की ठगी हुई, जो पिछले साल की तुलना में 158% अधिक है। साइबर ठगों की नई रणनीतियाँ साइबर ठग अब और अधिक चालाक हो गए हैं। उन्होंने डिजिटल वॉलेट्स और क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर ट्रेसिंग से बचने की नई तरकीब अपनाई है। साइबर ठगों का सबसे आम तरीका फर्जी इंटरनेशनल नंबरों से कॉल करना है। दूरसंचार विभाग ने ऐसे फर्जी नंबरों की पहचान की है जो +75, +89, +85, +86, +87, +84 जैसे होते हैं। ये कॉल्स इंटरनेट जनरेटर होते हैं और ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए लोगों से निजी जानकारी चुराते हैं। गरीब और अशिक्षित लोगों का शिकार साइबर ठगी का शिकार केवल शिक्षित या तकनीकी जानकार लोग नहीं हो रहे हैं, बल्कि गरीब और अशिक्षित लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं। ठग मामूली रकम देकर इन लोगों से बैंक अकाउंट खुलवाते हैं और फिर उन खातों को दूसरे ठगों को बेच देते हैं। इससे मनी ट्रेल का पता लगाना मुश्किल हो जाता है और ठगों तक पहुंचना और भी कठिन हो जाता है। ठगों द्वारा की गई ठगी को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेज दिया जाता है, जिससे इसे ट्रैक करना और भी मुश्किल हो जाता है। सरकार की पहल और चक्षु पोर्टल साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सरकार ने ‘चक्षु पोर्टल’ लांच किया है। इस पोर्टल पर आप किसी भी संदिग्ध कॉल की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद, संबंधित नंबर को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है। दूरसंचार विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि डॉट (DOT) कभी भी इन फर्जी नंबरों से कॉल नहीं करता। ऐसे में, यदि आप ऐसे किसी कॉल का शिकार होते हैं, तो तुरंत इसे चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट करें। साइबर ठगी से बचाव के उपाय अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो आपको तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रिपोर्ट करनी चाहिए। समय पर रिपोर्ट करने से ठगी गई रकम को फ्रीज किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि आपको कभी भी संदिग्ध कॉल्स या संदेश प्राप्त हों, तो उन्हें नजरअंदाज करें और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। केवल सरकार और पुलिस ही नहीं, बल्कि समाज को भी मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा। हमें खुद को जागरूक रखना होगा ताकि हम साइबर ठगों से सुरक्षित रह सकें। साइबर ठगी पर आपकी क्या राय है? आप इस बारे में क्या सोचते हैं, कमेंट करके हमें बताएं। अगर यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। Technology Letest News साइबर सुरक्षा