भारत को लेकर पुतिन और ट्रंप के बीच टकराव: F-35 बनाम SU-57 heydinu57@gmail.com, February 10, 2025February 10, 2025 नई दिल्ली – भारत, जो पहले से ही वैश्विक सुरक्षा मंच पर एक प्रमुख ताकत बन चुका है, अब एक नई चुनौती का सामना कर रहा है। दो महाशक्तियाँ – अमेरिका और रूस – भारत को अपना सबसे घातक और अत्याधुनिक जंगी विमान बेचने के लिए तैयार हैं। जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को एफ-35 विमान देने की पेशकश कर रहे हैं, वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारतीय वायुसेना के लिए अपने अत्याधुनिक SU-57 विमान को पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। एफ-35 और SU-57: दोनों विमान अत्याधुनिक तकनीकी से लैस भारत के लिए यह एक दिलचस्प अवसर है क्योंकि यह दोनों विमान दुनिया के सबसे लेटेस्ट और एडवांस्ड फाइटर जेट्स में शामिल हैं। इन दोनों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ये दोनों विमान रडार की पकड़ में नहीं आते और इनकी स्पीड भी बेहद उच्च है। हालांकि, स्पीड के मामले में एफ-35 पर SU-57 भारी पड़ता है, लेकिन इसके अलावा कॉम्बैट रेंज में भी SU-57 को कोई भी मुकाबला नहीं है। पुतिन ने अपने SU-57 विमान को बेंगलुरु में आयोजित एरो इंडिया शो में प्रदर्शित किया, जहां उन्होंने इसका जोरदार प्रदर्शन किया। इसी बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने भी अपने एफ-35 जेट के प्रदर्शन की योजना बनाई। इस संघर्ष में दोनों ही विमान एक दूसरे से बेहद प्रतिस्पर्धी हैं, और अब सवाल यह है कि भारत किसे चुनेगा। रूस का मिशन: भारत को आकर्षित करना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रयास है कि भारत SU-57 विमान खरीदने के लिए सहमत हो जाए। पुतिन का मानना है कि यदि भारत यह विमान खरीदता है, तो इससे अन्य देशों के लिए भी इसे खरीदने की राह खोलेगी। हालांकि, अब तक SU-57 को किसी भी देश ने नहीं खरीदा है, और पुतिन के लिए भारत से इस विमान की बिक्री एक बड़ी सफलता होगी। अमेरिका का इरादा: भारत को एफ-35 का हिस्सा बनाना दूसरी ओर, अमेरिकी सरकार एफ-35 विमान को दुनिया के विभिन्न देशों के साथ साझा करने का इरादा रखती है। कई देशों की वायुसेना पहले से इस विमान का उपयोग कर रही है, और ट्रंप का उद्देश्य है कि भारत भी इस विमान का एक हिस्सा बने। एफ-35 की तकनीक, स्टील्थ क्षमता, और इसकी व्यापक उपयोगिता अमेरिका के लिए एक मजबूत विकल्प बनाती है। कौन सा विमान होगा भारत का भविष्य? इस समय भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है कि वह किसे चुनेगा – रूस का SU-57 या अमेरिका का F-35। दोनों ही विमान अत्याधुनिक तकनीकी और ताकत से लैस हैं, और भारत को अपनी वायुसेना की शक्ति बढ़ाने के लिए सही विकल्प का चुनाव करना होगा। पुतिन और ट्रंप की यह टक्कर न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों महाशक्तियों के बीच एक नए व्यापारिक संघर्ष की ओर इशारा करता है। Letest News Technology